प्रकृति की एक और खूबसूरत कहानी ( birds story )
" प्रकृती की एक और खूबसूरत कहानी"
बहुत से लोगों को ये गाना पसंद हैं, पर अब कई लोगों को ये गाना याद होगा या नहीं पता नहीं पर कबूतर पसंद नहीं ये बहुत अच्छे से पता है मुझको... अक्सर उनकी बैठने की जग़ह पर नुकिली कीले दिख जाती हैं कई घरों पर... उनका कहना होता हैं गंदिगी बहुत करते हैं ये, कबूतरों का आना वास्तु के हिसाब से अच्छा नहीं हैं... कई जग़ह तो ये प्रूफ भी किया गया इनके आने से कैंसर तक हो जाता है, फ़िर क्या था दूकानदारों को अपना समान बेचने का एक और ज़रिया मिल गया और निकाल दिया स्प्रे भी और कई फैंसी जाल और कीले भी... जब मम्मी को cancer हुआ था तो मेरे घर कबूतर नहीं आया करते थे फ़िर भी उनकों कैंसर हुआ और वो चली गई.... मुझको अब प्रकति की किस चीज पर ये बोलना होगा की इस वज़ह से उनकों कैंसर हुआ???
घर के अंदर नहीं रहते ये, आने का रास्ता खुला रहता हैं फ़िर भी नहीं आते कभी, उनकों बस कुछ देर बाहर बैठना होता है वो भी थक जाते होंगे ना उड़ते उड़ते, मैं बस ये सोचकर कुछ दाना पानी डाल देती हूँ... इनके रहने की जगहों पर हमने ऊंची ऊंची इमारतें नुमा मंजिलें बना दि और अब थोड़ी देर बैठने की जगह भी छीन रहे हैं... कैसी विडंबना है ये... उस ऊंची इमारतों में एक घर मेरा भी है, कबूतर आते हैं वहां, चिड़िया भी आती हैं और गिलहरियों के लिए तो मूंगफली डालती हूँ मैं और मुझको उनको देखना बहुत पसंद है, यह कबूतर कभी इंतजार में बैठते हैं अकेले, तो कभी जोड़े में साथ आते हैं और खूब लड़ते झगड़ते हैं , इनकी गुटर गुं से साफ पता चलता हैं की एक दूसरे को मना रहा है और दूसरा लगातार भाव खा रहा हैं और उड़ जाता है, फ़िर दुबारा आते हैं पर इस बार दोस्ती हो चुकी है और दाना पानी खाकर फ़िर से उड़ जाते हैं... मेरा क्या लेकर गये ये सब...??? बहुत कुछ देकर जाते हैं ये मुझको...
मेरे यहाँ इत्मीनान से आना तुम, गंदगी कि तुम चिंता ना करना हम इंसान घरों के बाहर सड़कों पर जरूरत से ज्यादा गंदगी फैलाते हैं, तुम्हारी गंदगी मैं साफ कर लुंगी तुम बस सुकून से यहां आओ खाओ पियो खूब बातें करके जाओ, ना जाल लगाऊंगी ना नुकली कीले और ना ही कोई स्प्रे करुँगी बल्कि तुम्हारी जग़ह बनाने के लिये और समान लेकर आऊंगी, मुझको बहुत अच्छा लगेगा....
कब किस रूप में आकर आपको दुआएं दे जाये पता नहीं, कब किस की दुआ लग जाए कुछ पता नहीं और मैं कर्मों पर बहुत यकीन करती हूं बस इतनी सी बात है की मुझको इनसे भी बहुत लगाव है... ( वीडियो देख़ कर शायद आप सब भी इनकी भाषा समझ जायगे )
रूचि रूह
@ruchi_roohhh_053.
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