चाय की एक मेरी दोस्त ( Chaay or dost )

"चाय की मेरी एक दोस्त" सुबह की दूसरी चाय और किसी का इंतजार.... मुझको मेरी चाय पीने वाली दोस्त का इंतजार और उसको एक प्याली चाय का... बड़ा ही अच्छा रिश्ता है हमारा सिर्फ़ उसको ही नहीँ मुझको भी उसकी ज़रूरत है, घर को खुबसूरत बनाने में वो मेरा साथ जो देती है... खुश रहती हूं मैं जब वह कहती है दीदी मुझको आपके यहां बहुत अच्छा लगता है, बस मानो मुझको क्या मिल गया, उसको पता है मुझको सिलबट्टे की चटनी कितनी पसंद है बस कहना ही नहीं पड़ता जब खुद के लिए बनाती है मेरे लिए थोड़ा सा ले आती है इतना स्वाद तो मुझको मेरी मिक्सी की चटनी में भी नहीं आता जितना उसके सिलबट्टे की चटनी में आता है जब भी वह दरवाजे पर खटखट करती है मुझको खुशी मिल जाती है दीदी मैं आ गई राधे राधे और मेरा अस्सलाम वालेकुम हम दोनों को ही बहुत अच्छा लगता है वह भी मुस्कुरा जाती है और मैं भी, यही हमारे कई फासले खत्म हो जाते हैं दीदी क्या क्या लिखती हो कुछ समझ नहीं आता पर शायद अच्छा लिखती होगी "मुझ पर भी कुछ लिखो ना" उसका यह अधिकार से कहना मेरे दिल को भा जाता है बस बस थोड़ा सा उसको और अच्छा लग ...